कर्नाटक में कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में सीटों की साझीदारी के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने वाले जद (एस) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा रविवार को नरम दिखाई दिए। मंगलुरु में संवाददाताओं से बात करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि 12 सीटों की मांग पर उनकी पार्टी ‘अडिग’ नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर समझौते के मुद्दे पर कांग्रेस की मानसिकता भी हमारी जैसी है। हमारे बीच मतभेद की कोई जगह नहीं है। हमारा मुख्य उद्देश्य भाजपा को रोकना है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने कहा है कि हमें 12 सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन यह नहीं कहा कि इतनी सीटें उन्हें देनी ही होंगी। हमने अपने स्टैंड में थोड़ा बदलाव किया है। अभी अंतिम निर्णय बाकी है।’
लोकसभा चुनाव में सीटों की साझीदारी को लेकर कांग्रेस व जद(एस) के बीच सोमवार को बैठक संभावित है। गठबंधन की पहली बैठक 25 फरवरी को हो चुकी है, लेकिन इसमें सीटों की साझीदारी पर बात नहीं बनी थी।
उधर, कर्नाटक में अपने गढ़ मांड्या से चुनाव लड़ने पर बल देते हुए जद (एस) नेतृत्व ने संकेत दिया कि उस सीट से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी प्रत्याशी हो सकते हैं। इस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री एडी देवेगौड़ा के दूसरे पोते भी चुनावी राजनीति में आ जाएंगे। उनके एक अन्य पोते प्रज्वल रेवन्ना के हसन सीट से प्रत्याशी होने के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। शिमोगा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ‘हम मांड्या के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। मांड्या से हटने का तो सवाल ही नहीं है।’